5 टिप्स जिससे आप अपने Ph.D, Research Proposal को बना सकते हैं और भी शानदार !

Research proposal

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Research Proposal : आज के समय में Ph.D करना ज्यादातर विद्यार्थियों का सपना होता है, और हो भी क्यो ना, इससे व्यक्ति को जीवन में स्थायित्व और उसकी बातो को समाज में मान्यता जो मिलती है, लेकिन आज के प्रतियोगिता भरे दौर में किसी भी क्षेत्र में ख़ुद को सेट कर पाना व्यक्ति के लिए एक मुश्किल काम है PHD भी उन्हीं में से एक है हर साल JNU, DU, BHU और इन्हीं की जैसे अन्य विश्वविद्यालय पीएचडी सीट निकालते हैं जिसमें हजारों की तादाद में फॉर्म भरे जाते हैं। कई लोग जो इन परीक्षाओं को पास करते हुए interview तक पहुँचते हैं। वहाँ उन सबके सामने सबसे बड़ी समस्या research proposal की होती है ।

आसान शब्दों में कहें तो research proposal एक ऐसा दस्तावेज़ जिसमें एक व्यक्ति जिस विषय में PHD करना चाहता है उससे संबंधित जानकारी को एक पत्र के माध्यम से interview में प्रस्तुत करता है और यही interview का center point होता है।

एक व्यक्ति को रिसर्च प्रपोजल बनाते समय इन 7 बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

Research Proposal

1: विशेष समस्या को हल करने वाले टॉपिक का चुनाव करें

2: अपनाएं खास तरह की रिसर्च मेथडोलॉजी

एक रिसर्च प्रपोजल में व्यक्ति विषेश को खास तरह की मेथडोलॉजी अपनानी चाहिए, उसे अपने रिसर्च प्रपोजल में methdology का अंबार नहीं लगाना चाहिए क्यों कि इससे पैनल में बैठे लोगों को पता चल जाएगा कि सामने वाले ने कोई खास जानकारी नहीं इकट्ठा की है बल्कि इधर उधर के पीएचडी थेसिस से चोरी की है और ये आपके interview को गलत दिशा मे ले जा सकता है ।

नोट: कई प्रविधि अपनायी जा सकती है बशर्ते ये विषय की मांग हो।

3: नई जानकारी प्रस्तुत करें

एक व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने रिसर्च प्रपोजल में नई जानकारी प्रस्तुत करे जिससे सामने वाले को लगे कि व्यक्ति अपने शोध विषय में इंटरेस्टेड है और उसकी समझ भी है । जहा तक नयी जानकारी का सवाल है ये mainly तीन तरह की हो सकती है

  1. आप मुख्य रूप से कुछ नया खोज निकाले जैसे – सदियो से पढ़ी न जा सकने वाली सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि ।
  2. उपलब्ध जानकारी मे कुछ नया जोड़ दें
  3. या फिर उपलब्ध ज्ञान को नकार कर कोई नया सिद्धांत प्रस्तुत करें

नयी जानकारी से जुड़ा हुआ एक रोचक किस्सा याद आया जिसे प्रोफसर पैट्रिक ओलिवेले ने अपनी पुस्तक Reading Texts and Narrating History मे प्राचीन इतिहास की विख्यात प्रोफेसर रोमिला थापर के बारे मे लिखा कि जब रोमिला थापर ने सम्राट अशोक पर अपना प्रोपोसल interview कमेटी के सामने रखा तो सभी ने पूछा कि जिसके जन्म से लेकर मृत्यु तक कई research हो चुकी है उसपर अब क्या रिसर्च होगी, लेकिन जब उन्होने अपनी थेसिस Ashoka and the Dicline of Mauryas प्रस्तुत कि तो बड़े से बड़े आलोचक ने भी उसकी तारीफ की ।

कहने का मतलब आप के research proposal मे जान होनी चाहिए

4: पुस्तक सूची पर भी हो विशेष ध्यान

अक्सर विद्यार्थी research proposal बनाते समय मुख्य कंटेन्ट पर इतना ध्यान देते है की उनकी पुस्तक सूची झूठी लगने लगती है और ज़्यादातर लोग ये करते भी हैं वे research proposal मे कंटेन्ट तो ठीक लेकिन पुस्तक सूची मे ये गलतिया भी करते हैं

  • पूरी की पूरी संदर्भ सूची किसी मिलती जुलती थीसिस से कॉपी कर लेते है जिससे उनका मुख्य कंटेन्ट और bibliography मेल नही खाती
  • अगर खुद से भी बिबलिओग्राफी मैंटेन करते हैं तो अल्फबेटिकल ऑर्डर का ध्यान नही रखते
  • संदर्भ सूची मे नंबरिंग नही करनी चाहिए
  • संदर्भ सूची के प्रारूप का ध्यान भी रखना चाहिए

5: Research Proposal मे कर सकते हैं Diacritical चिन्हों का प्रयोग

अगर आप सामाजिक विज्ञान ( social science ) मे research proposal बना रहें है तो diacritical चिन्हों को अपनाना एक विशेष फायदा दिला सकता है । अब प्रश्न ये है की ये होते क्या है –

  • diacritical चिन्ह ऐसे प्रतीक है जो किसी शब्द मे स्वर और व्यंजन की भिन्नता को प्रदर्शित करते है
  • जैसे अगर आप हिन्दी के वसुदेव और वासुदेव को अंग्रेजी मे लिखे तो शायद ऐसे ही लिखेंगे- Vasudev और आप दोनों मे फर्क नहीं कर पाएंगे
  • सही है – ( वसुदेव – Vasudev ) और ( वासुदेव – Vāsudeva )

इस प्रकार आप ऊपर दिये टिप्स अपना कर अपने research proposal को और भी शानदार बना सकते है ।

Thnakyou

Researchers Adda